शिव शंकर
आज हम आपके सामने शिव की पांच शक्तियों का वर्णन करने वाले हैं
जो कि शिव हमेशा धारण करके रखते हैं!
इनमें पहला है चंद्र
दूसरा है नंदी
तीसरा है त्रिशूल
चौथा है सांप
और पांचवां है तीसरी आंख
चंद्रमा : चंद्रमा की तरह हमेशा हमें शांत रहना चाहिए स्थिति कोई
भी हो प्रतिकूल या अनुकूल शांत रहकर है! समस्या का समाधान
किया जा सकता है चंद्र यह दर्शाता है शांति बनाए रखें!
भी हो प्रतिकूल या अनुकूल शांत रहकर है! समस्या का समाधान
किया जा सकता है चंद्र यह दर्शाता है शांति बनाए रखें!
तीसरी आंख : भगवान की तीसरी आंख यानी कि चेतना और
विवेक! विवेक हमारे भीतर ही होता है! हम उसे गहन तपस्या
से प्राप्त कर सकते हैं!
विवेक! विवेक हमारे भीतर ही होता है! हम उसे गहन तपस्या
से प्राप्त कर सकते हैं!
नाग : भोलेनाथ के गले में नाग पड़ा रहता है हिंदू देवी देवताओं
में बस यही है जो की नाग को गले में डालकर रखते हैं! इसका
अर्थ है नाग अत्यंत ही विषैला होता है! फिर भी वह किसी वजह
से ही काटता है अन्यथा नहीं! इसका मतलब यह है कि हर जीव
का मूल्य है!
में बस यही है जो की नाग को गले में डालकर रखते हैं! इसका
अर्थ है नाग अत्यंत ही विषैला होता है! फिर भी वह किसी वजह
से ही काटता है अन्यथा नहीं! इसका मतलब यह है कि हर जीव
का मूल्य है!
त्रिशूल : भगवान शिव के हाथ में हमेशा से त्रिशूल रहता है संसार
में तीन तरह की प्रवृतियां होती हैं सत, रज और तम! सत का मतलब
में तीन तरह की प्रवृतियां होती हैं सत, रज और तम! सत का मतलब
होता है सात्विक, राज का मतलब होता है संसारिक और तम यानी
निशाचर !त्रिशूल के तीनों सीर सत, रज और तम प्रवृत्ति के बताते
हैं! त्रिशूल का मतलब है मनुष्य तीनों गुणों पर नियंत्रण रखें कृष्ण
तभी उठाया त्रिशूल जब भी उठाया जाए जब कोई गहन समस्या
आन पड़ी है!
निशाचर !त्रिशूल के तीनों सीर सत, रज और तम प्रवृत्ति के बताते
हैं! त्रिशूल का मतलब है मनुष्य तीनों गुणों पर नियंत्रण रखें कृष्ण
तभी उठाया त्रिशूल जब भी उठाया जाए जब कोई गहन समस्या
आन पड़ी है!
नंदी : शिव के दरबार में नंदी क्यों होता है भगवान शिव का वाहन
नंदी यानी बैल बैल बहुत ही शक्तिशाली और मेहनती होता है!नंदी
ही शिव को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाता है इसलिए शिव पर
सारे संदेश नंदी ही पहुंचाता है नंदी हमेशा शिव दरबार के बाहर ही
मौजूद रहता है शिव तक पहुंचने का रास्ता नंदी के पास से होकर
जाता है! इसलिए अगर शिक्षा मांगना है तो नंदी के कान में कहिए
नंदी का इतना महत्व है कि लोग शिव मंदिर में शिव से पहले नंदी
की पूजा करते हैं! और अपनी बात उनके काम में कहते हैं! कहा
जाता है कि नंदी की भक्ति देखकर शिव लोगों की मनोकामना जल्दी
पूरी कर देता है!
नंदी यानी बैल बैल बहुत ही शक्तिशाली और मेहनती होता है!नंदी
ही शिव को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाता है इसलिए शिव पर
सारे संदेश नंदी ही पहुंचाता है नंदी हमेशा शिव दरबार के बाहर ही
मौजूद रहता है शिव तक पहुंचने का रास्ता नंदी के पास से होकर
जाता है! इसलिए अगर शिक्षा मांगना है तो नंदी के कान में कहिए
नंदी का इतना महत्व है कि लोग शिव मंदिर में शिव से पहले नंदी
की पूजा करते हैं! और अपनी बात उनके काम में कहते हैं! कहा
जाता है कि नंदी की भक्ति देखकर शिव लोगों की मनोकामना जल्दी
पूरी कर देता है!
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