हिंदुस्तानी ज्ञान |
कैलाश मंदिर
आज हम आपके सामने एक ऐसी अद्भुत मंदिर के बारे में वर्णन करने वाले हैं!
जो कि महान धर्म सनातन धर्म को मानने वालों ने प्राचीन काल में बनाया था!
भारत का सबसे उल्लेखनीय गुफा मंदिरों में से एक है!
भारत का सबसे उल्लेखनीय गुफा मंदिरों में से एक है!
यह एक ऐसा मंदिर है जो कि आधुनिक विज्ञान पर भारी पड़ता है!
कैलाश मंदिर को बनाने में लगभग 350 साल लगे होंगे इसका अनुमान लगाया जाता है!
कैलाश मंदिर बनाने का कार्य लगभग छठी शताब्दी से 10 वीं शताब्दी तक चला होगा
कैलाश मंदिर को बनाने में आठवीं सदी में 7000 शिल्प करता द्वारा सौ साल लगे
85000 क्यूबिक मीटर की ज्वाला चट्टान को काटकर इसे बनाया गया
कैलाश मंदिर हिंदुस्तान में स्थित ,महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिला
में एलोरा की गुफा में स्थित है यहां पर 32 गुफा णमोकार मंदिर
है जिनमें से कैलाश मंदिर सोलवा मंदिर है!
कैलाश मंदिर को बनाने में लगभग 350 साल लगे होंगे इसका अनुमान लगाया जाता है!
कैलाश मंदिर बनाने का कार्य लगभग छठी शताब्दी से 10 वीं शताब्दी तक चला होगा
कैलाश मंदिर को बनाने में आठवीं सदी में 7000 शिल्प करता द्वारा सौ साल लगे
85000 क्यूबिक मीटर की ज्वाला चट्टान को काटकर इसे बनाया गया
अधिकतर मंदिर को नीचे से ऊपर की ओर बनाया जाता है !
परंतु कैलाश मंदिर को ऊपर से नीचे की ओर बनाया था!
परंतु कैलाश मंदिर को ऊपर से नीचे की ओर बनाया था!
कैलाश मंदिर तीन मंजिला ऊंचा!
कैलाश मंदिर का प्रवेश द्वार 50 मीटर लंबा और 33 मीटर चौड़ा है!
3000000 हाथ पत्थर इसमें से काट कर निकाल दिया गया है इसका अनुमान है!
400000 टन पत्थर को काटकर हटाया गया होगा!
कुछ लोगों का कहना यह है कि यह 6000 साल पहले बनाया गया था!
कुछ लोगों का क्या कहना है कि यह 12000 साल पहले बनाया गया था!
पर इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता है!
क्योंकि इससे जुड़े कोई दस्तावेज नहीं मिले!
कैलाश मंदिर में वर्षा के पानी को संक्षिप्त करने की
विधि इसमें यूज़ की गई है ताकि वर्षा के पानी को इस्तेमाल
किया जा सके जो कि अंडर ग्राउंड में स्थित है!
इस मंदिर की रचना बिना किसी सीमेंट
या अन्य कोई कंस्ट्रक्शन मटेरियल द्वारा नहीं की गई है!
या अन्य कोई कंस्ट्रक्शन मटेरियल द्वारा नहीं की गई है!
कैलाश मंदिर को रहस्य में बनाती है इसके जटिल सीढ़ियां और इसमें गुफाएं!
कैलाश मंदिर में पानी निकलने के लिए इतनी सक्रिय
और तंग नालियां है जो कि इंसानों द्वारा बनाना नामुमकिन सा लगता है!
एलोरा की गुफा में लगभग 32 मंदिर है जिनमें से एक है
कैलाश मंदिर जो कि ऊपर से दिखाई देता है!
वह कैलाश मंदिर बाकी इकत्तीस मंदिर अदृश्य जो कि ऊपर से दिखाई नहीं देते!
कैलाश मंदिर को विश्व विरासत स्थल का दर्जा प्राप्त है!
कैलाश मंदिर में अनेकों देवी देवताओं की मूर्तियां है इनमें से हम कुछ का वर्णन करें !
बहुधा सेवया देव, वैष्णव देवता, गंगा देवी,
जमुना देवी, व्यास ऋषि, वाल्मीकि ऋषि(पौराणिक महाभारत और रामायण के रचयिता),
धन के देवता कुबेर, दुर्गा दुष्ट नाशिनी, गणेश सौभाग्य दाता,
धन धन की देवी लक्ष्मी, इच्छावर मोह के अधिपति कामदेव,
एक मंदिर जिसमें तीन देवियां स्थापित है
गंगा, जमुना और सरस्वती, शिव और विष्णु की पौराणिक कथाएं,
रामायण की कथाएं, महाभारत की कथाएं,
रावण का अपना सिर आहुति पर चढ़ाने की मूर्ति,
शिव पार्वती नंदी और लिंग, वीणा वाद्य बजाते शिव,
शिव पार्वती शतरंज खेलते हैं, शिव और पार्वती विवाह,
रावण कैलाश पर्वत को उठा ले जाता हुआ,
कृष्ण लीला का वर्णन, कृष्ण माखन खाते,
विष्णु नरसिंह के रूप में( आधे नर और आधे सिंह),
विष्णु अनंत सैनी, विष्णु पालन कर्ता के रूप में,
अन्नपूर्णा देवी, भैरव गज राक्षस को मारते हुए शिव!
इस्लामिक आतंकी औरंगजेब ने 1682 ईसवी में
कैलाश मंदिर को तोड़ने का आदेश दिया
और हजारों सैनिकों को मंदिर तोड़ने में लगवा दिया
हजारों सैनिक 3 साल तक लगातार प्रयास करते रहे
फिर भी मंदिर को कुछ नुकसान ही पहुंचा पाए अंत में हार कर आतंकी औरंगजेब पीछे हट गया!
इस मंदिर का निर्माण एक हिंदू राजा ने आठवीं सदी के दौरान करवाया था जो कि राष्ट्रकूट राजा कृष्ण थे!
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