Saturday 28 July 2018

गीता में साफ शब्दों में लिखा है


गीता में साफ शब्दों में लिखा है
गीता

गीता में साफ शब्दों में लिखा है निराश मत होना कमजोर तेरा वक्त है तू नहीं


यह संसार जरूरत के नियम पर चलता है
सर्दी में जिस सूरज का इंतजार होता है
उसी सूरज का गर्मियों में तिरस्कार भी होता है



आप की कीमत तब तक होगी जब तक आपकी जरूरत है


तालाब एक ही है उसी तालाब में हंस मोती चुनता है और बगुला मछली


सोच सोच का फर्क होता है आपकी सोच ही आपको बड़ा बनाती है


यदि हम गुलाब की तरह खेलना चाहते हो
तो कांटों के साथ तालमेल की कला सीखनी होगी


मेरे गुरु कहते हैं कि मत सोच की तेरा सपना क्यों नहीं पूरा होता
हिम्मत वालों का इरादा कभी अधूरा नहीं होता
जिस इंसान के कर्म अच्छे होते हैं
उसके जीवन में कभी अंधेरा नहीं होता


वक़्त के भी अजीब किस्से हैं किसी का कटता नहीं और किसी के पास होता नहीं
वक्त दिखाई नहीं देता पर बहुत कुछ दिखा देता है अपनापन तो हर कोई दिखाता है  
पर अपना कौन है यह वक़्त दिखाता है


मुझसे दोस्त नहीं बदले जाते चाहे लाख दूरी होने पर
लोगों के भगवान बदल जाते हैं एक मुराद ना पूरी होने पर


मैंने कहा खुदा से क्या खूबसूरत दोस्त मिले हैं
क्या खूबसूरत मैंने किस्मत पाई है
खुदा ने कहा हंसकर संभाल कर रखना पगले
यह मेरी पसंद है जो तेरे हिस्से में आई है


संसार में केवल मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है
जिसे ईश्वर ने हंसने का गुण दिया है
इसे  खोइए मत इंसान तो हर घर में पैदा होते हैं
बस इंसानियत कहीं-कहीं जन्म लेती है


कौवा किसी का धन नहीं चुराता
फिर भी वह लोगों को प्रिय नहीं है
कोयल किसी को धन नहीं देते
फिर भी वह लोगों को प्रिय है
फर्क सिर्फ मीठी बोली का है!
जिससे सब अपने बन जाते हैं


एक व्यक्ति ने एक फकीर से पूछा उत्सव बनाने का बेहतरीन दिन कौन सा है
फकीर ने प्यार से कहा मौत से 1 दिन पहले
व्यक्ति मौत का तो कोई दिन नहीं
फकीर ने मुस्कुराते हुए कहा तो जिंदगी का हर दिन आखिरी समय
और जीने का आनंद लो


ताश का जोकर और अपनों की ठोकर
अक्सर बाजी घुमा देती है


अपनी सहनशीलता को बढ़ाइए
छोटी मोटी घटना से हताश मत होइए
जो चंदन घिस जाता है

और जो नहीं घिसता वह तो सिर्फ जलाने के काम आता है



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